पुस्तकालय दो भागों में विभक्त है- 1. सामान्य पुस्तकालय और 2. बुक बैंक।
सामान्य पुस्तकालय में एक छात्र/छात्रा एक समय में एक पुस्तक सात दिनों के लिए प्राप्त कर सकता है। बुक बैंक से दो पुस्तकें तीन माह हेतु दो रूपये शुल्क जमा करने के बाद मिलती है। निर्धरित समय सीमा के बाद पुस्तक लौटोने पर 1 रूपये प्रतिदिन प्रतिपुस्तक के हिसाब से विलम्ब दंड के साथ पुस्तक वापस करनी पड़ती है। सामान्य पुस्तकालय की पुस्तक परीक्षा पफाॅर्म जमा करने के पूर्व लौटाने की वाध्यता है। अन्यथा परीक्षा पफार्म जमा करने से वंचित रहना पड़ता है। बुक बैंक की पुस्तकें विश्वविद्यालयी परीक्षा तक छात्रा रख सकता है। परन्तु परीक्षा समाप्ति के बाद उसे लौटाना अत्यावश्यक है। ऐसा नहीं करने पर विलम्ब दंड का भागी माना जाता है। पुस्ताकलयी पुस्तकों को किसी भी प्रकार की क्षति पहुँचाना या रेखांति करन वर्जित एवं दंडिनीय है।
महाविद्यालय पत्रिका प्रायः प्रतिवर्ष प्रकाशित होती है। सृजनात्मक एवं आलोचनात्मक एवं प्रतिभा को विकसित करने के उद्देश्य से पत्रिका सामग्री हेतु छात्रों, शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को आमंत्रित किया जाता है। स्तरीय सामग्री का चयन सम्पादक मंडल द्वारा किया जाता है।
छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों के अध्ययन-अध्यापन की दृष्टि से महाविद्यालय पुस्तकालय की उपयोगिता सार्थक सि( हो रही है। महाविद्यालय पुस्तकालय में करीब 40 हजार से अधिक बहुउपयोगी व बहुमूल्य पुस्तकों से युक्त है.
इसके निम्नलिखित सदस्य हैं-
पुस्तकालय
Prof. Iswar Dyal |
Prof. In charge ( Librarian) |
Sri Ballav Prasad |
( Library Assistant) |
Sri Raju Kumar |
Assistant Librarian ( M.Sc., BLIS) |